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जीवन में जब भी अपने लिए कोई नियम बनाएं तो उसका पालन जरूर करें

  महाभारत का किस्सा है। एक ब्राह्मण बहुत रो रहा था, क्योंकि उसकी गायों को एक चोर भगाकर ले जा रहा था। ब्राह्मण रोते हुए अर्जुन के ब्राहमण ने अर्जुन से कहा, चोर भागे चले जा रहे हैं, आप राजा है, मेरी रक्षा कीजिए। अर्जुन ने सोचा कि मैं शस्त्रों के बिना चोरों के पीछे जा नहीं सकता। मेरे शस्त्र वहां रखे हैं, जहां एकांत में मेरे बड़े भाई और द्रौपदी के साथ बैठे हैं। द्रौपदी अपने पांचों पत्तियों के साथ एक अनुशासन के साथ जीवन जी रही थीं। एक नियम ये था कि जब वह किसी एक पति के साथ बैठी है। तो उस समय कोई दूसरा पति कमरे में प्रवेश नहीं करता था। अर्जुन के सामने शस्त्रों की समस्या थी और दूसरी और चोर गायों को चुराकर ले जा रहे थे अर्जुन ने सोचा कि इस ब्राह्मण के आंसू पोंछना मेरा कर्तव्य है। अब परिणाम जो भी हो, मुझे इस ब्राहमण की रक्षा करनी चाहिए। ऐसा सोचकर अर्जुन युधिष्ठिर और द्रौपदी के कमरे में चले गए, नियम तोड़ा, शस्त्र उठाया और ब्राह्मण की गायों को चोरों से छुड़वाया। अर्जुन लौटकर आए और युधिष्ठिर द्रौपदी से बोले, मैंने नियम तोड़ा है, इसलिए अब मैं 12 वर्षों के लिए वन में जाऊंगा। पांचों पांडवों ने ये...